छोटी सी मिल चलाता है ये शख्स, बिजली विभाग ने भेजा 80 करोड़ का बिल
पीड़ित गणपत नाईक का कहना है कि बिजली विभाग ऐसा कैसे कर सकता है. बिल भेजने से पहले वो मीटर चेक नहीं करते क्या? ऐसे कैसे किसी को गलत बिल भेज सकते हैं.
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गणपत नाईक वसई के निर्मल इलाके में पिछले 20 वर्षों से छोटी सी चावल मिल चलाकर अपना और परिवार का पेट पाल रहे हैं. उनका कहना है कि अब तक ज्यादा से ज्यादा उनके बिजली का बिल 54,000 रुपये महीना आता था. लॉकडाउन में उनकी मिल कई महीने बंद थी, इसके बावजूद दो महीने का इतना बिल कैसे आ सकता है. उन्होंने बिजली कंपनी की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं.
उधर बिजली कंपनी इसका ठीकरा मीटर रीडिंग करने वाली एजेंसी पर फोड़ रही है. महावितरण के अतिरिक्त कार्यकारी अभियंता सुरेंद्र मुंगारे ने कहा कि ये गड़बड़ी बिजली मीटर का रीडिंग लेने वाली एजेंसी की तरफ से हुई है. बिल में करेक्शन किया जा रहा है.
गौरतलब है कि मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र में बिजली के बढ़े हुए बिलों से लोग परेशान हैं और विपक्षी दलों ने इसके खिलाफ आंदोलन भी चला रखा है. ऐसे में 80 करोड़ का ये बिजली बिल सवालों के घेरे में आ गया है.